यह सवाल राज्यसभा में पूछा गया है जिसमें ग्रामिण डाक सेवकों (GDS) के TRCA यानी Time Related Continuity Allowance के बारे में जानकारी मांगी गई है।
प्रश्न (संक्षेप में):
सांसदों ने सरकार से पूछा कि:
- TRCA संरचना की समीक्षा करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
- क्या सरकार ऐसे स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है जो भाषा और भौगोलिक स्थितियों से परिचित हों?
- अगर हाँ, तो कौन-कौन से कदम लिए गए हैं?
- अगर नहीं, तो बाहर के राज्यों से आने वाले उम्मीदवारों को आने वाली कठिनाइयों के बावजूद इस नीति को क्यों नहीं अपनाया गया?
सरकार का उत्तर :
(a) TRCA की समीक्षा
सरकार ने बताया कि GDS के लिए TRCA संरचना की समीक्षा समय-समय पर की जाती है। इसके लिए सरकार अलग-अलग समय पर समितियाँ बनाती है, खासकर हर केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की सिफारिशों के बाद, ताकि GDS की सैलरी और अन्य सेवा शर्तों की जाँच की जा सके।
(b) से (d) स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता का मुद्दा
सरकार ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 16(2) के अनुसार सरकार किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, भाषा, जन्म स्थान या निवास के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती।
इसलिए:
केवल स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देना संवैधानिक रूप से अनुमति नहीं है।
हालांकि, GDS पद के लिए स्थानीय भाषा का ज्ञान अनिवार्य है और उम्मीदवार को 10वीं कक्षा तक उस भाषा का अध्ययन किया होना चाहिए।
यही नियम वर्तमान समय में लागू है।

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